बुधवार, 16 फ़रवरी 2011

हमारी हेली


बॉबी जिंदल के बाद निक्की हेली। भारतीय मूल के दो लोग इतिहास रचकर अमेरिकी राज्यों में गवर्नर बने। इस मध्यावधि चुनाव में निक्की उसी भूकंप में जन्मी हैं। इन चुनावों के नतीजों को सारा पालिन ने राजनीतिक भूकंप कहा था, जिसमें राष्ट्रपति ओबामा की डेमोक्रेटिक पार्टी बुरी तरह पराजित हुई। साउथ कैरोलिना में रिपब्लिकन निक्की जीतीं। मूलत: वे अमृतसर की हैं, जहां से उनके माता-पिता काफी पहले अमेरिका जाकर बस गए थे। शादी के बाद हेली भी ईसाई हो गईं। वे हिम्मती और जुझारू हैं। उनकी मुख्य लड़ाई मंदी के शिकार लोगों और बेरोजगारों के लिए हैं। वे जीतकर भी विनम्र और शालीन हैं। अभी तो अध्याय लिखा जा रहा है, जो आगे इतिहास में शुमार होगा।



दुनियाभर में भारतीयों की एक बड़ी तादाद है, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से कामयाबी की बुलंदियों को छुआ। उन्हें में से एक है निक्की हेली। अमेरिकी राज्य साउथ कैरालिना की गवर्नर बनकर भारतीय मूल की निक्की ने इतिहास रच दिया, लेकिन बेहद विनम्रता से वे कहती हैं कि अभी तो बस अध्याय लिखा जा रहा है, इतिहास तो लक्ष्य पूरा होने पर बनेगा। यह दूसरा मौका है जब भारतीय मूल का कोई व्यक्ति अमेरिका में गवर्नर बना हो। इससे पहले बॉबी जिंदल यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं। वहीं, अमेरिका में गवर्नर पद पर पहुंचने वाली निक्की भारतीय मूल की पहली महिला हैं। रिपब्लिकन निक्की ने अपने डेमोक्रेट प्रतिद्वंद्वी विसेंट शीहान को हराया। निक्की को 52 प्रतिशत तो शाहीन को 46 प्रतिशत वोट मिले।

जीत के बाद अपने भाषण में निक्की ने बड़ी विनम्रता और आत्मविश्वास से कहा कि अगले दिन सुबह बहुत से समाचार होंगे। बहुत से पर्यवेक्षक कहेंगे कि हमने इतिहास बनाया है। मैं कहना चाहती हूं कि हम एक नया अध्याय लिख रहे हैं, इतिहास लक्ष्य पूरा होने पर बनेगा। यानी बहुत कुछ है जो किए जाने की जरूरत है और साउथ कैरोलिना की नई गवर्नर उसे लेकर आश्वस्त भी हैं। जीत के तुरंत बाद अपनी नीति का खुलासा करते हुए बेरोजगारी व मंदी से जूझ रहे अमेरिका में साउथ कैरोलिना के लोगों के लिए रोजगार सृजन और राज्य को आर्थिक मजबूती देने की बात कहकर उन्होंने लेागों में उम्मीद की एक नई किरण जगाई। वहीं, विभिन्न मुद्दों पर ओबामा प्रशासन से अपना विरोध भी साफ कर दिया। खासतौर पर स्वास्थ्य कानूनों को लेकर उन्होंने अपना विरोध जाहिर कर दिया है। उन्होंने अमेरिका की संघीय सरकार से किसी भी तरह की वित्तीय मदद लेने से इनकार किया है। रिपब्लिकन पार्टी का कहना है कि इसके जरिये कुछ विशेष समूहों और फार्मास्यूटिकल कंपनियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई है, जनता का खयाल नहीं रखा गया है। पार्टी के किसी भी सांसद ने इस विधेयक के पक्ष में अमेरिकी कांग्रेस में मतदान नहीं किया था।

साउथ कैरोलिना के गवर्नर पद के लिए चुनाव के दौरान उन पर कई आरोप लगे। पति के साथ धोखा करने और समय पर कर अदा न करने का आरोप भी लगा। राजनीतिक प्रचारक लैरी मर्चेट ने आरोप लगाया कि हेली ने 2008 में साल्ट लेक सिटी में एक सम्मेलन के दौरान एक रात उनके साथ गुजारी थी। उन पर दूसरा आरोप यह लगा कि उन्होंने 2007 में विश्लेषक विल फॉक्स के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे। लेकिन निक्की ने लगातार इन आरोपों का खंडन किया। इन आरोपों को उन्होंने राजनीतिक साजिश करार दिया और कहा कि उनकी जीत की संभावना को देखते हुए इस तरह की बातें कही जा रही हैं, ताकि लोगों को उनके खिलाफ भड़काया जा सके। इस साल जून में राज्य के रिपब्लिकन जेके नॉट्स ने उनके खिलाफ नस्ली टिप्पणी भी की। नॉट्स ने पब पॉलिटिक्स नाम के एक इंटरनेट राजनीतिक शो में उन्हें ‘रैगहेडज् कहा था। ऐसा संभवत: उनकी सिख समुदाय की पृष्ठभूमि के कारण किया गया था। इस शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर अरबों या जातीय समूहों के खिलाफ किया जाता है, जो सिर पर पगड़ी या कोई कपड़ा बांधते हैं। नॉट्स ने कहा था कि व्हाइट हाउस में पहले से ही एक रैगहेड है, हमें गवर्नर कार्यालय में भी एक रैगहेड नहीं चाहिए। लेकिन निक्की के लिए अच्छी बात यह रही कि इन आरोपों और टिप्पणियों के बावजूद पार्टी के कई दिग्गजों का उन्हें समर्थन मिला। सारा पालिन और मिट रोमनी जसे रिपब्लिकन दिग्गजों ने उनके पक्ष में प्रचार किया, जिससे उनका दावा और मजबूत हुआ। निक्की की जीत न केवल अमेरिका में बड़ी संख्या में रह रहे भारतीय लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण है, बल्कि महिलाओं के लिए भी यह बहुत मायने रखती है। चुनाव में उन्हें भारतीय समुदाय का समर्थन भी मिला और महिलाओं का भी।

अड़तीस वर्षीया निक्की ने अमेरिका के ‘टी पार्टीज् आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह आंदोलन ओबामा प्रशासन की कई नीतियों के खिलाफ 2009 में चलाया गया था। इमरजेंसी इकोनोमिक स्टैबलाइजेशन एक्ट 2008, अमेरिकन रिकवरी एंड रीइंवेस्टमेंट एक्ट 2009 और सीरीज ऑफ हेल्थकेयर रिफॉर्म बिल विरोध के कें्र में था। 20 जनवरी, 1972 को साउथ कैरोलिना के बैम्बर्ग में पंजाबी मूल के माता-पिता के घर जन्मी निक्की ने तेरह साल की उम्र में ही अपने परिवार के कपड़ा व्यवसाय में बुक कीपिंग का काम कर माता-पिता का हाथ बंटाना शुरू कर दिया था। बाद में उन्होंने क्लेमसन यूनिवर्सिटी से अकाउंट्स की पढ़ाई की और फिर एफसीआर कापरेरेशन में कुछ समय नौकरी करने के बाद अपनी मां के एग्जॉटिका इंटरनेशनल के नाम से चल रहे व्यवसाय को संभाला। निक्की का परिवार बहुत पहले पंजाब के अमृतसर से अमेरिका आ गया था। 1996 में उन्होंने माइकल हेली से शादी की। चूंकि माइकल ईसाई समुदाय से आते हैं, इसलिए निक्की ने विवाह से पहले धर्म परिवर्तन कर लिया। हालांकि उनकी शादी चर्च के साथ-साथ सिख गुरुद्वारा में भी हुई। उनके पति माइकल सेना में एक बड़े अधिकारी हैं। उनके दो बच्चे भी हैं, रेना और नलिन। 1998 में वे ऑरेंजबर्ग काउंटी चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल हुईं। इसी साल नेशनल एसोसिएशन ऑफ वुमन बिजनेस ओनर्स में उन्हें ट्रेजरर बनाया गया और फिर 2004 में वे इसकी अध्यक्ष बनीं। वे साउथ कैरोलिना में नेशनल एसोसिएशन ऑफ वुमन बिजनेस ओनर्स की अध्यक्ष भी हैं।





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