मंगलवार, 20 अक्तूबर 2009

एक खौफनाक मंसूबा महसूद

अभी तीन दिन पहले अखबारों में खबर छपी थी कि तालिबान ने धमकी दी है कि उसका अगला निशाना भारत है। अगला इसलिए कि अभी वह पाकिस्तान को सबक सिखाने पर आमादा है। यहां तालिबान का आशय है ‘तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तानज् से। इसके मुखिया बैतुल्ला के मारे जाने के बाद बिखरते हुए इस संगठन को न सिर्फ मजबूती से एकजुट किया, बल्कि उसमें एक नया उन्माद पैदा किया है उसके नए मुखिया हकीमुल्लाह महसूद ने। महज अट्ठाइस साल के हकीमुल्लाह के इरादे खौफनाक हैं। तबाही का एक नया इतिहास लिखने को वह बेचैन है। पाकिस्तान उसके हमलों से कराह रहा है। महसूद उसे अमेरिकापरस्ती का दंड दे रहा है और चाहता है कि वह इस्लामिक राष्ट्र बने। उसके निशाने पर भारत भी है और इसकी चेतावनी उसने दे दी है।

उम्र केवल 28 साल, पर इरादे खतरनाक। चेहरा और व्यवहार सौम्य, लेकिन मकसद तबाही का। पाकिस्तान के कबायली इलाकों में जन्मा और पला-बढ़ा यह शख्स है हकीमुल्लाह महसूद। उसकी आंखों में है भारत और अमेरिका की तबाही का मकसद। हालांकि फिलहाल वह अपनी गतिविधियों को पाकिस्तान में अंजाम दे रहा है, क्योंकि वह उसे एक इस्लामिक राष्ट्र बनाना चाहता है। उसका अगला निशाना होगा, भारत।
वह पाकिस्तान में तालिबानी संगठन ‘तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तानज् (टीटीपी) का कमांडर है। अमेरिकी ड्रोन हमले में अगस्त में बैतुल्ला महसूद के मारे जाने के बाद वह ‘सर्वसम्मतिज् से इस संगठन का ‘आमिरज् चुना गया। समझा जाता है कि बैतुल्ला की मौत के बाद निराशा व हताशा में बिखराव की कगार पर पहुंच चुके टीटीपी को संभालने और एकजुट रखने में हकीमुल्लाह ने अपनी सारी ऊर्जा लगा दी। अपनी सूझबूझ व नेतृत्व क्षमता से उसने टीटीपी को एक नई दिशा दी और उसके लड़कों में नया जोश भर दिया।
बैतुल्लाह के बेहद करीबी समङो जाने वाले हकीमुल्लाह ने टीटीपी की कमान संभालने से पहले चालक के रूप में भी काम किया। हकीमुल्लाह का जन्म 1981 में पाकिस्तान के दक्षिणी वजीरिस्तान में जनदोला के पास कोटकई इलाके में हुआ था। उसकी शिक्षा केवल मदरसे की तालीम तक सीमित रही। हंगू जिले के एक छोटे से गांव में मदरसे से उसने शुरुआती तालीम पाई। उस वक्त उस मदरसे में बैतुल्ला महसूद भी था। हकीमुल्लाह वहीं बैतुल्ला के संपर्क में आया।
हालांकि बैतुल्ला ने हकीमुल्लाह से बहुत पहले वह मदरसा छोड़ दिया था, लेकिन दोनों के बीच संपर्क लगातार बना रहा। मदरसे की तालीम पूरी करने के बाद हकीमुल्लाह बैतुल्ला के साथ जिहाद में कूद पड़ा। शुरू में उसने बैतुल्ला के अंगरक्षक व सहयोगी के रूप में काम किया। लेकिन हथियारों के साथ खेलने के उसके शगल और माहरी ने तालिबानियों के बीच उसकी लोकप्रियता बढ़ा दी। एके-47 के संचालन में उसे महारत हासिल है। लड़ाइयों के दौरान उसने अपनी बेहतर क्षमता का प्रदर्शन किया। अपनी इन्हीं योग्यताओं के बल पर वह न केवल तालिबानियों में लोकप्रिय हुआ, बल्कि बैतुल्ला के और करीब होता गया। उसकी लड़ाका क्षमता को देखते हुए ही बैतुल्ला ने उसे टीटीपी का उप कमांडर बनाया था। तालिबानी उसकी लड़ाका क्षमता की तुलना नेक मोहम्मद से करते हैं, जो करिश्माई पश्तून नेता माना जाता है। जून 2004 में अमेरिकी हवाई हमले में उसकी मौत हो गई थी। तालिबानियों के अनुसार नेक मोहम्मद के बाद हकीमुल्लाह में ही वे नेक मोहम्मद के जसी लड़ाका क्षमता देखते हैं।
अपनी इन्हीं क्षमताओं से बैतुल्ला की मौत के बाद उसने टीटीपी को एक मजबूत नेतृत्व दिया और हताश तालिबानी लड़ाकाओं को एक नया जोश। इस बीच कई बार उसकी मौत की खबरें भी आईं। अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया कि बैतुल्ला की मौत के बाद टीटीपी का नया कमांडर चुनने के लिए बुलाई गई ‘शूराज् में तालिबानियों के बीच जमकर गोलीबारी हुई, क्योंकि इस पद के लिए कई तालिबानी सामने आ गए थे। तालिबानियों के बीच इस आपसी लड़ाई में ही हकीमुल्लाह की मौत हो गई। लेकिन पिछले दिनों मीडिया के सामने आकर उसने अपनी मौत की अफवाहों को गलत साबित कर दिया।
आम तालिबानी नेताओं से अलग पाकिस्तान, अमेरिका और भारत तक अपने खतरनाक मंसूबों को पहुंचाने के लिए हकीमुल्लाह ने किसी रिकॉर्डेड सीडी का इस्तेमाल नहीं किया, बल्कि मीडिया कर्मियों को अगवा किया और उन्हें अपने ठिकाने पर ले गया। वहां उसने अमेरिका के प्रति अपना गहरा आक्रोश जाहिर किया। उसने साफ कहा कि वह अमेरिका से बैतुल्ला की मौत की बदला लेकर रहेगा। गौरतलब है कि अगस्त में अमेरिकी ड्रोन हमले में बैतुल्ला की मौत हो गई थी।
इसी तरह पाकिस्तान भी उसके निशाने पर है, क्योंकि यह सरकार अमेरिकी इशारे पर काम कर रही है। उसने हाल के दिनों में पाकिस्तान में हुए कई हमलों की जिम्मेदारी ली और कहा कि जब तक सरकार अमेरिकी सैनिकों को अपनी धरती से रवाना नहीं करेगी, हमले जारी रहेंगे। बकौल हकीमुल्लाह, हम सैनिक, पुलिस और नागरिक सेना से लड़ रहे हैं, क्योंकि वे अमेरिकी आदेश पर काम कर रहे हैं। यदि वे अमेरिकी आदेश का अनुपालन बंद कर दें, तो हम हमले भी रोक देंगे। हकीमुल्लाह ने यह भी साफ किया कि उसका मकसद पाकिस्तान को एक इस्लामिक राष्ट्र बनाना है और इसमें कामयाबी मिलने के बाद उसका अगला निशाना भारत होगा।
हकीमुल्लाह सीधे-सीधे पाकिस्तान के पीपीपी और एएनपी नेताओं को मारने की धमकी देता है, क्योंकि उसके अनुसार पीपीपी और एएनपी के नेताओं ने ही सेना को तालिबानियों के खिलाफ हमले का आदेश दिया। उसने पाकिस्तान सरकार को अमेरिकी समर्थक नीतियां बदलने के लिए अल्टीमेटम दिया और धमकी दी कि यदि वह ऐसा नहीं करती है, तो आने वाले दिनों में तालिबान पेशावर सहित पाकिस्तान के अन्य शहरों पर कब्जा कर लेगा। उसका दावा है कि बैतुल्ला की ‘शहादतज् के बाद उसका संगठन अधिक मजबूत हुआ है और उसके लड़ाके ‘एकजुटज् होकर अमेरिकी और पाकिस्तानी सेना का मुकाबला कर रहे हैं।

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